
जिला बुलंदशहर का ऐतिहासिक परिचय
बुलंदशहर जिले का इतिहास शुरू होता है ईसा से १२०० वर्ष पूर्व से ,
यह क्षेत्र पांडवो की राजधानी-इन्द्रप्रस्थ और हस्तिनापुर समीप है !
हस्तिनापुर से निकले जाने के बाद,आहार जो की बुलंदशहर जिले के उत्तर पूर्व मे स्थित है,पांडवो के लिए महत्वपूर्ण बना
कालांतर मे राजा परमा ने क्षेत्र के इस भाग में एक किला बनवाया और एक अहिबरन नाम के राजा ने एक स्तम्भ की स्थापना की जो बरन (बुलंदशहर) कहलाया!
तब से यह ऊंची भूमि पर स्थित है और यह ऊँचा शहर के नाम से जाने लगा जो बाद में वहाँ की जोशीली भाषा में बुलंदशहर के नाम रूपांतरित हो गया !
वर्तमान यह इसी नाम से जाना जाता है !
यहाँ भटोरा वीरपुर ,गालिबपुर आदि स्थानों पर पर पायी गई .प्राचीन वस्तुए बुलंदशहर की प्राचीनता का प्रतीक है !
जिले मे अनेक महत्वपूर्ण स्थान भी है जहाँ मध्य युग की मूर्तियाँ व वस्तुए पायी गई है !
आज भी अनेक एतिहासिक तथा प्राचीन वस्तुए जैसे सिक्के ,लेख आदि लखनऊ राज्य
संग्रहालय में सुरक्षित है!